मित्रों!
मुझे ब्लॉग बनाने
की बहुत इच्छा थी परन्तु मुझे अभी ब्लॉग का क,ख,ग,घ भी नहीं आता है। मैंने
फेसबुक पर श्रीमान डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’ जी
से अनुरोध किया कि साहब मेरा ब्लॉग बना दीजिए। मेरे आग्रह को उन्होंने प्रसन्नता
से स्वीकार कर लिया और तत्काल मेरा ब्लॉग बना दिया।
मैं आप सबके आशीर्वाद
का आकांक्षी हूँ और श्रीमान डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’ जी
के प्रति आभार सहित कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ।
आपका-अरुणदेव यादव
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Friday, 2 November 2012
“सबसे अच्छी मेरी माता” (अरुणदेव यादव)
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हिन्दी ब्लॉगिस्तान में आपका स्वागत है अरुणदेव यादव जी!
ReplyDeleteनमस्कार ,आदरणीय श्री
Deleteआपकी माता जी को प्रणाम और आपकी मातृभक्ति को सलाम!
ReplyDeleteमाता के चरणों तले, स्वर्ग-लोक का सार ।
ReplyDeleteमनोयोग से पूँजिये, बार बार आभार ।
बार बार आभार, बचुवा बड़ा लकी है ।
जरा दबा दे पैर, मैया लगे थकी है ।
रविकर का आशीष, ब्लॉग जो भला बनाता ।
रहे सदा तू बीस, कृपा कर भारत माता ।।
शुभकामनाएं
ReplyDelete
Deleteधन्यवाद जी
ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है श्रीमान्
ReplyDeleteस्वागत और हार्दिक शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteधन्यवाद जी
Deleteअच्छा लगा जानकर...... माँ तो माँ ही होती है |
ReplyDeleteधन्यवाद जी
Delete
ReplyDeleteस्वागत है नन्ने दोस्त उन्मुक्त भाव अपने उदगार व्यक्त करें .
धन्यवाद जी
Deleteअरुण देव जी!
ReplyDeleteइस ब्लॉग पर अगली पोस्ट भी लगाइए!